आईएफसीआई लिमिटेड | IFCI Limited

आईएफसीआई लिमिटेड कंपनी प्रोफाइल, मालिक, MD & CEO, नेटवर्थ, प्रोडक्ट, सहायक कंपनियां, विकी और अधिक (IFCI Limited company details in hindi)

आईएफसीआई भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के स्वामित्व की एक विकास वित्त संस्थान है। यह सभी क्षेत्रों में उद्योगों के विविध विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

बायो/विकी (Bio/Wiki)

नाम:-आईएफसीआई (IFCI)
लीगल नाम:-आईएफसीआई लिमिटेड
प्रकार (Type):-पब्लिक
इंडस्ट्री:-वित्तीय सेवाएं

प्रोफाइल (Profile)

स्थापना की तारीख:-1948
मुख्य लोग:-मनोज मित्तल (MD & CEO)
मुख्यालय:-नई दिल्ली, भारत
स्टॉक एक्सचेंज:-BSE: 500106
NSE: IFCI
राजस्व (Revenue):-₹1,596 करोड़ (वित्त वर्ष 2022)
कुल संपत्ति (Total Asset):-₹15,487 करोड़ (वित्त वर्ष 2022)
नेटवर्थ:-₹3,767 करोड़ (वित्त वर्ष 2023)
मालिक:-भारत सरकार
वेबसाइट:-www.ifciltd.com

कंपनी के बारे में (About Company)

साल 1947 में आजादी के समय भारतीय पूंजी बाजार अपेक्षाकृत कम विकसित था। पूंजी की मांग तीव्र गति से बढ़ रही थी और पूंजी प्रदान करने वालों की कमी थी। उस समय के वाणिज्यिक बैंक लॉन्ग टर्म कैपिटल आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरा करने में सक्षम नहीं थे। अर्थव्यवस्था की पूंजी आवश्यकताओं की इस कमी और मांग-आपूर्ति के अन्तराल को भरने के लिए भारत सरकार ने IFC अधिनियम 1948 के द्वारा 1 जुलाई 1948 को दि इण्डस्ट्रियल फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया (IFCI) की स्थापना की थी।

IFCI इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री के विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थापित भारत का पहला विकास वित्तीय संस्थान था। तब से आईएफसीआई ने वृद्धि व विकास के विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, और सेवाएं व कृषि से सम्बन्धित क्षेत्रों में निरन्तर सहयोग के द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वर्ष 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण ने भारतीय पूंजी बाजारों व वित्तीय प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए थे। पूंजी बाजारों की मार्फत सीधे ही निधियां जुटाने में सहयता देने के लिए आईएफसीआई को सांविधिक निगम से परिवर्तित करके भारतीय कम्पनी अधिनियम, 1956 के अधीन एक कम्पनी बनाया गया था। और इसके बाद अक्टूबर 1999 से कंपनी का नाम बदलकर ‘IFCI लिमिटेड’ कर दिया गया था।

औद्योगिक व इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों को लॉन्ग टर्म लोन देने की अपनी मूलभूत विशेषता के अतिरिक्त, आईएफसीआई ने सलाहकारी सेवाएं प्रदान करने में भी क्षमता विकासित की है और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे चीनी विकास निधि, एम-सिप्स, उत्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, इलेक्ट्रोनिक कम्पोनेंट्स तथा सेमीकंडक्टर्स (स्पेक्स) के लिए नोडल एजेंसी भी है।

प्रोडक्ट/सर्विस (product/service)

उद्योग और समाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए, आईएफसीआई निम्नलिखित उत्पादों को मोटे तौर पर तीन खंडों में वर्गीकृत करता है – प्रोजेक्ट फाइनेंस, कॉर्पोरेट फाइनेंस और स्ट्रक्चर्ड फाइनेंस जो उद्योगों, सेवाओं और कृषि आधारित क्षेत्रों में फैले हुए हैं।

प्रोजेक्ट फाइनेंस (Project Finance)

प्रोजेक्ट फाइनेंस के अंतर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में बिजली जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार, सड़क, तेल और गैस, बंदरगाह, हवाई अड्डे, बेसिक धातु, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, रियल एस्टेट, स्मार्ट सिटी और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं।

कॉर्पोरेट फाइनेंस (Corporate Finance)

कंपनी छोटे, मध्यम और बड़े कॉरपोरेट्स के विविध ग्राहकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करती है। IFCI बैलेंस शीट फंडिंग, शेयरों पर लोन, लीज रेंटल डिस्काउंटिंग, प्रमोटर फंडिंग, लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल आवश्यकताओं, पूंजीगत व्यय और नियमित रखरखाव कैपेक्स के माध्यम से कॉर्पोरेट वित्त के क्षेत्रों में वित्तीय समाधान प्रदान करती है।

सिंडिकेशन और एडवाइजरी (Syndication & Advisory)

एडवाइजरी सेवाएँ प्रदान करने के क्षेत्र में IFCI सरकारी सलाहकार सेवाएँ और कॉर्पोरेट सलाहकार सेवाएँ प्रदान कर रहा है। सरकारी सलाह में आईएफसीआई को भारत सरकार द्वारा “आत्मनिर्भर भारत” के तत्वावधान में शुरू की गई विभिन्न उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के लिए एक परियोजना प्रबंधन एजेंसी (PMA) के रूप में नियुक्त किया गया है। कॉर्पोरेट सलाहकार के तहत आईएफसीआई कॉर्पोरेट और सरकारी क्षेत्रों को वित्तीय सलाह, ईएसजी सलाहकार और अन्य परियोजना सलाहकार सेवाएं भी प्रदान कर रहा है।

संरचित उत्पाद (Structured Products)

आईएफसीआई अपने ग्राहकों को संरचित लोन/मेज़ानाइन उत्पादों के माध्यम से वित्तपोषण समाधान भी प्रदान करता है और स्पोंसर फाइनेंसिंग, अधिग्रहण वित्तपोषण, प्री-आईपीओ फाइनेंसिंग और ऑफ-बैलेंस शीट संरचित समाधान जैसी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए वित्तपोषण समाधान प्रदान करने में सहायता करता है।

सहायक कंपनियां (Subsidiaries)

IFCI की कई सहायक कंपनियाँ हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • IFCI फैक्टर्स लिमिटेड
  • IFCI फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड
  • IFCI इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड
  • IFCI वेंचर कैपिटल फंड्स लिमिटेड
  • एमपीकॉन लिमिटेड (MPCON Ltd.)
  • स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q. आईएफसीआई कंपनी क्या काम करती है?
ANS: साल 1947 में आजादी के समय भारतीय पूंजी बाजार अपेक्षाकृत कम विकसित था। पूंजी की मांग तीव्र गति से बढ़ रही थी और पूंजी प्रदान करने वालों की कमी थी। उस समय के वाणिज्यिक बैंक लॉन्ग टर्म कैपिटल आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पूरा करने में सक्षम नहीं थे। अर्थव्यवस्था की पूंजी आवश्यकताओं की इस कमी और मांग-आपूर्ति के अन्तराल को भरने के लिए भारत सरकार ने IFC अधिनियम 1948 के द्वारा 1 जुलाई 1948 को दि इण्डस्ट्रियल फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया (IFCI) की स्थापना की थी।
Q. IFCI का फुल फॉर्म क्या है?
ANS: IFCI का फुल फॉर्म दि इण्डस्ट्रियल फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इण्डिया है।
Q. भारत में आईएफसीआई की स्थापना कब हुई थी?
ANS: भारत सरकार ने IFC अधिनियम 1948 के द्वारा 1 जुलाई 1948 को आईएफसीआई की स्थापना की थी। और आईएफसीआई को सांविधिक निगम से परिवर्तित करके भारतीय कम्पनी अधिनियम, 1956 के अधीन एक कम्पनी बनाया गया था।
Q. आईएफसीआई की स्थापना किसने की?
ANS: आईएफसीआई भारत सरकार द्वारा की गई थी।
Q. आईएफसीआई के एमडी और सीईओ कौन हैं?
ANS: आईएफसीआई के एमडी और सीईओ मनोज मित्तल है।