इंफोसिस | Infosys

इंफोसिस कंपनी प्रोफाइल, फाउंडर, चैयरमेन, नेटवर्थ, प्रोडक्ट & सर्विसेज, अधिग्रहण, विकी और अधिक (Infosys company details in hindi)

इंफोसिस एक भारतीय मल्टीनेशनल सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी है, जो कंसल्टिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करती है। इंफोसिस टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बाद दूसरी सबसे बड़ी भारतीय आईटी कंपनी है।

बायो/विकी (Bio/Wiki)

नाम:-इंफोसिस (Infosys)
लीगल नाम:-इंफोसिस लिमिटेड
प्रकार (Type):-पब्लिक
इंडस्ट्री:-कंसल्टिंग
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
आउटसोर्सिंग

प्रोफाइल (Profile)

स्थापना की तारीख:-2 जुलाई 1981
फाउंडर:-N.R. नारायण मूर्ति
नंदन नीलेकणि
क्रिस गोपालकृष्णन
S.D. शिबुलाल
K. दिनेश
N.S. राघवन
अशोक अरोड़ा
मुख्य लोग:-नंदन नीलेकणि (चैयरमेन)
सलील पारेख (MD & CEO)
मुख्यालय:-बेंगलुरु, कर्नाटक
स्टॉक एक्सचेंज:-BSE: 500209
NSE: INFY
राजस्व (Revenue):-₹149,468 करोड़ (वित्त वर्ष 2023)
कुल संपत्ति (Total Asset):-₹1,25,816 करोड़ (वित्त वर्ष 2023)
नेटवर्थ:-₹75,795 करोड़ (वित्त वर्ष 2023)
वेबसाइट:-www.infosys.com

कंपनी के बारे में (About Company)

इन्फोसिस की स्थापना पुणे, महाराष्ट्र में सात इंजीनियरों द्वारा की गई थी। कंपनी को 2 जुलाई 1981 को इंफोसिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के रूप में पंजीकृत किया गया था। कंपनी ने अप्रैल 1992 में अपना नाम बदलकर इंफोसिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड कर दिया था। जून 1992 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने के लिए अपना नाम बदलकर इंफोसिस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड कर दिया था।

उसके बाद इन्फोसिस 1993 में भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी। कंपनी 1999 में अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq पर लिस्ट हुई थी। उसी वर्ष कंपनी ने बिज़नेस कंसल्टिंग सर्विसेज लॉन्च की थी। जून 2011 में कंपनी का नाम बदलकर इंफोसिस लिमिटेड कर दिया गया था।

इंफोसिस कंसल्टिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करती है। यह मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार TCS के बाद दूसरी सबसे बड़ी IT कंपनी है। 24 अगस्त 2021 को इंफोसिस 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन तक पहुंचने वाली चौथी भारतीय कंपनी बन गई थी।

प्रोडक्ट/सर्विस (Product/Service)

इंफोसिस फाइनेंस, बीमा, विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मेंटेनेंस और स्वतंत्र सत्यापन सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी के प्रमुख प्रोडक्ट और सर्विसेज इस प्रकार हैं:

  • NIA: नेक्स्ट जेनरेशन इंटीग्रेटेड AI प्लेटफॉर्म
  • इन्फोसिस कंसल्टिंग: एक ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग सर्विस
  • क्लाउड – आधारित एंटरप्राइज ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज
  • इंफोसिस इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IIP), एक एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म
  • एजवर्व सिस्टम्स, जिसमें एक वैश्विक बैंकिंग प्लेटफॉर्म फिनेकल शामिल है।
  • पनाया क्लाउड सुइट
  • स्केवा (अब इंफोसिस इक्विनॉक्स)
  • इंजीनियरिंग सर्विसेज
  • डिजिटल मार्केटिंग
  • ब्लॉकचेन

संस्थापक (Founder)

इंफोसिस की स्थापना N.R. नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणि, क्रिस गोपालकृष्णन, S.D. शिबुलाल, K. दिनेश, N.S. राघवन और अशोक अरोड़ा द्वारा की गई थी।

  • N.R. नारायण मूर्ति (N.R. Narayana Murthy): N.R. नारायण मूर्ति एक भारतीय बिजनेस मैन है। वह इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं। सेवानिवृत्त होने और एमेरिटस चेयरमैन की उपाधि लेने से पहले उन्होंने कंपनी के चेयरमैन, CEO, प्रेसिडेंट और चीफ़ मेंटोर मुख्य के रूप में काम किया था।
  • नंदन नीलेकणि (Nandan Nilekani): नंदन मोहनराव नीलेकणि एक भारतीय उद्यमी हैं। वह इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं।
  • क्रिस गोपालकृष्णन (Kris Gopalakrishnan): क्रिस गोपालकृष्णन एक भारतीय बिजनेस मैन है। वह इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं। वह 2011 से 2014 तक इंफोसिस के वाइस चेयरमैन और 2007 से 2011 तक इसके CEO और MD के रूप में काम किया था।
  • S.D. शिबुलाल (S.D. Shibulal): S.D. शिबुलाल इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं। उन्होंने 2007 से 2011 तक COO के रूप में काम किया था। उसके बाद उन्होंने 2011 से 2014 तक CEO और MD के रूप में काम किया था।
  • K. दिनेश (K. Dinesh): K. दिनेश इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं।
  • N.S. राघवन (N.S. Raghavan): N.S. राघवन इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं। उन्होंने 1981 से 2000 तक बोर्ड के सदस्य के रूप में काम किया था। उन्होंने विभिन्न मैनेजमेंट पदों पर कार्य किया और 2000 में उप प्रबंध निदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
  • अशोक अरोड़ा (Ashok Arora): अशोक अरोड़ा इंफोसिस के सात को-फाउंडर में से एक हैं।

अधिग्रहण (Aquisition)

  • दिसंबर 2003 में इंफोसिस ने एक ऑस्ट्रेलियाई IT सर्विस प्रोवाइडर एक्सपर्ट इंफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 100% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण की लागत 23 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। और अधिग्रहीत कंपनी का नाम बदलकर इंफोसिस टेक्नोलॉजीज (ऑस्ट्रेलिया) प्राइवेट लिमिटेड कर दिया गया था। यह अधिग्रहण जनवरी 2004 में पूरा हुआ था।
  • दिसंबर 2009 को इंफोसिस BPO ने 38 मिलियन डॉलर में मैककैमिश सिस्टम्स का अधिग्रहण किया था। मैककैमिश सिस्टम्स एक US-आधारित कंपनी है, जो बीमा और सेवानिवृत्ति के लिए बिज़नेस प्रोसेस सोल्युशन प्रदान करती है।
  • दिसंबर 2011 को इंफोसिस BPO ने 37 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में पोर्टलैंड ग्रुप Pty का अधिग्रहण किया था। 2012 में वैश्विक आईटी सर्विसेज और आउटसोर्सिंग संगठन इंफोसिस द्वारा अधिग्रहण के बाद पोर्टलैंड इंफोसिस पोर्टलैंड बन गया था।
  • अक्टूबर 2012 को इंफोसिस ने ज्यूरिख स्थित मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म लॉडस्टोन होल्डिंग AG के अधिग्रहण के पूरा होने की घोषणा की थी। अधिग्रहण की लागत लगभग $350 मिलियन (1,925 करोड़ रुपये) थी।
  • मार्च 2015 में इंफोसिस ने इजराइल की सॉफ्टवेयर कंपनी पनाया का लगभग 1,200 करोड़ रुपये ($200 मिलियन) में अधिग्रहण किया था।
  • अप्रैल 2015 में इंफोसिस ने USA की डिजिटल एक्सपीरियंस सोलूशन्स कंपनी स्कावा (Skava) का 120 मिलियन डॉलर का अधिग्रहण किया था।
  • नवंबर 2015 में इंफोसिस ने लगभग 453.5 करोड़ रुपये (70 मिलियन डॉलर) में नोआ कंसल्टिंग के अधिग्रहण की घोषणा की थी। यह अधिग्रहण पूरी तरह कैश डील था।
  • अप्रैल 2017 को इंफोसिस ने सिलिकॉन वैली स्थित सॉफ्टवेयर कंपनी स्काईट्री का अधिग्रहण किया था, जो एडवांस एनालिटिक्स के लिए मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म विकसित करती है। यह सॉफ्टवेयर क्षेत्र में इंफोसिस का पांचवां लेनदेन था।
  • 2017 में इंफोसिस ने लंदन स्थित प्रोडक्ट डिजाइन और ग्राहक अनुभव कंपनी ब्रिलियंट बेसिक्स के अधिग्रहण की घोषणा की थी। यह अधिग्रहण GBP 7.5 मिलियन की कैश डील थी।
  • सितंबर 2018 में इंफोसिस ने 65 मिलियन यूरो (लगभग 545 करोड़ रुपये) में फ्लुइडो ओय के अधिग्रहण किया था।
  • 2018 में कंपनी ने यूएस स्थित डिजिटल क्रिएटिव और कंस्यूमर इनसाइट्स एजेंसी WongDoody होल्डिंग कंपनी का कुल 75 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था।
  • 2019 को इंफोसिस लिमिटेड की सहायक कंपनी इंफोसिस कंसल्टिंग पीटीई लिमिटेड ने स्टेटर एन.वी. में 75% हिस्सेदारी का 127.5 मिलियन यूरो (लगभग 989 करोड़ रुपये) अधिग्रहण किया था। स्टेटर एन.वी. एबीएन एमरो बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह अधिग्रहण इंफोसिस और ABN एमरो के बीच स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का हिस्सा है।
  • फरवरी 2020 में, इंफोसिस ने सेल्सफोर्स इंटीग्रेशन कंसल्टेंट और प्लैटिनम पार्टनर सिम्पलस के अधिग्रहण की घोषणा की थी। मार्च 2020 में इंफोसिस ने घोषणा की कि उसने इस अधिग्रहण पूरा कर लिया है।
  • सितंबर 2020 को इंफोसिस ने $42 मिलियन (लगभग 308 करोड़ रुपये) में US-आधारित प्रोडक्ट डिजाइन और डेवलपमेंट कंपनी कैलिडोस्कोप इनोवेशन के अधिग्रहण की घोषणा की थी। यह अधिग्रहण 12 अक्टूबर 2020 को पूरा हुआ था।
  • 2020 में इंफोसिस ने कथित तौर पर €30 मिलियन में चेक सलाहकार फर्म गाइडविज़न का अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण का उद्देश्य यूरोप में इंफोसिस की सर्विस नाउ क्षमताओं को मजबूत करना और इसके क्लाउड सेवा पोर्टफोलियो का विस्तार करना था।
  • 2022 में कंपनी ने जर्मनी की डिजिटल मार्केटिंग, एक्सपीरियंस और कॉमर्स एजेंसीज 50 मिलियन यूरो में अधिग्रहण किया था।
  • 2022 में इंफोसिस ने डेनमार्क स्थित डिजिटल सेवाओं और परामर्श फर्म BASE लाइफ साइंस के अधिग्रहण की घोषणा की थी। यह अधिग्रहण लगभग 110 मिलियन यूरो (875 करोड़ रुपये) का पूर्ण कैश डील था।
  • जनवरी 2024 को इंफोसिस ने बेंगलुरु स्थित सेमीकंडक्टर डिजाइन और एम्बेडेड सेवा प्रदाता इनसेमी के अधिग्रहण की घोषणा की थी। समापन शर्तों के अधीन अधिग्रहण 2024 की चौथी वित्तीय तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।